सावधान! गणेश चतुर्थी पर भूलकर भी न करें यह काम, जानिए किसे नहीं देखना है और देख लिया तो...
Ganesh Chaturthi Chandrma Darshan
Ganesh Chaturthi Chandrma Darshan : आज भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है| जिसे गणेश चतुर्थी भी कहते हैं| बतादें कि, गणेश चतुर्थी को लेकर वैसे तो बहुत सारी पौराणिक कथाएं हैं लेकिन इनमें से एक कथा का जान लेना आपके लिए बेहद जरुरी है ताकि आप अपने जीवन में किसी संकट में न आएं|
गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को देखना वर्जित है
गणेश चतुर्थी को लेकर एक पौराणिक कथा में यह वर्णन है कि गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को देखना वर्जित है| गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को किसी भी हाल में देखने से बचना चाहिए| आप अब कहेंगे कि ऐसा क्यों? दरअसल, बताया जाता है कि एक बार भगवान गणेश भ्रमण पर थे तभी उनकी मुलाकात चंद्रमा से हुई| इस बीच चंद्रमा ने भगवान गणेश के विचित्र स्वरुप को देखते हुए मजाक बनाना शुरू कर दिया|
बस फिर क्या था चंद्रमा की इस हरकत पर गणेश जी को भयंकर गुस्सा आ गया और उन्होंने चंद्रमा को श्राप दे डाला| भगवान गणेश ने चंद्रमा से कहा कि तुम्हें अपने रूप पर बहुत अहंकार है और अब तुम्हारा यही अहंकार तुम्हारे इस रूप का क्षय कर देगा| तुम्हें कोई नहीं देखेगा| भगवान गणेश ने चंद्रमा को क्षय होने का श्राप दे दिया| ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश के श्राप के चलते ही चंद्रमा 15 दिनों की अवधि के लिए घटने लगता है और 15 दिनों के लिए उसका आकार बढ़ने लगता है।
बतादें कि, भगवान गणेश के श्राप के बाद चंद्रमा का सुन्दर रंग काला पड़ने लगा| चंद्रमा को घोर पीड़ा होने लगी| आखिर में चंद्रमा ने भगवान शिव की शरण ली| जिसके पक्षात कहीं जाके भगवान गणेश ने अपन श्राप का प्रभाव चंद्रमा पर से कम किया| भगवान गणेश ने कहा कि श्राप वापस नहीं लिया जा सकता है मगर इसका प्रभाव कम किया जा सकता है| भगवान गणेश ने कहा अब से भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर तुम कलंकित रहोगे और जो भी तुम्हें देखेगा उसे कलंक लगेगा। उसपर चोरी आदि का झूठा लांछन जरूर लगाया जाएगा| यही वजह है कि इस दिन चंद्रमा देखना वर्जित है।
गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा देख लिया तो
वहीं, अगर गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा देख लिया तो? दरअसल, कई बार ध्यान नहीं रहता है| नजर चंद्रमा की ओर चली जाती है| ऐसे में फिर हम क्या करें... कहते हैं कि अगर चंद्रमा देख लिया है तो फटाफट स्नान कर लें और भगवान गणेश की पूजा करते हुए उनसे क्षमा मांग लें| भगवान गणेश का व्रत करके इस दोष को दूर किया जा सकता है|